Ill-Considered Actions

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Ill-Considered Actions - Story of the Start (5th Tantra)

Ill-Considered Actions - Story of the Start (5th Tantra)

दक्षिण प्रदेश के एक प्रसिद्ध नगर पाटलीपुत्र में मणिभद्र नाम का एक धनिक महाजन रहता था । लोक-सेवा और धर्मकार्यों में रत रहने से उसके धन-संचय में कुछ़ कमी आ गई, समाज में मान घट गया । इससे मणिभद्र को बहुत दुःख हुआ । दिन-रात चिन्तातुर रहने लगा । यह चिन्ता निष्कारण नहीं थी । धनहीन मनुष्य के गुणों का भी समाज में आदर नहीं होता। उसके शील-कुल-स्वभाव की श्रेष्ठता भी दरिद्रता में दब जाती है । बुद्धि, ज्ञान...

The Brahmani & The Mongoose Story

The Brahmani & The Mongoose Story

बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय  एक बार देवशर्मा नाम के ब्राह्मण के घर जिस दिन पुत्र का जन्म हुआ उसी दिन उसके घर में रहने वाली नकुली ने भी एक नेवले को जन्म दिया । देवशर्मा की पत्‍नी बहुत दयालु स्वभाव की स्त्री थी । उसने उस छो़टे नेवले को भी अपने पुत्र के समान ही पाल-पोसा और बड़ा किया । वह नेवला सदा उसके पुत्र के साथ खेलता था । दोनों में बड़ा प्रेम था । देवशर्मा की पत्‍नी भी दोनों के प्रेम को देखकर...

The Four Treasure-Seekers

The Four Treasure-Seekers

लालच बुरी बला एक नगर में चार ब्राह्मण पुत्र रहते थे । चारों में गहरी मैत्री थी । चारों ही निर्धन थे । निर्धनता को दूर करने के लिए चारों चिन्तित थे । उन्होंने अनुभव कर लिया था कि अपने बन्धु-बान्धवों में धनहीन जीवन व्यतीत करने की अपेक्षा शेर-हाथियों से भरे कंटीले जङगल में रहना अच्छा़ है । निर्धन व्यक्ति को सब अनादर की दृष्टि से देखते हैं, बन्धु-बान्धव भी उस से किनारा कर लेते हैं, अपने ही पुत्र-पौत्र...

The Lion That Sprang To Life Story

The Lion That Sprang To Life Story

मूर्ख वैज्ञानिक एक नगर में चार मित्र रहते थे । उनमें से तीन बड़े वैज्ञानिक थे, किन्तु बुद्धिरहित थे; चौथा वैज्ञानिक नहीं था, किन्तु बुद्धिमान् था । चारों ने सोचा कि विद्या का लाभ तभी हो सकता है, यदि वे विदेशों में जाकर धन संग्रह करें । इसी विचार से वे विदेशयात्रा को चल पड़े । कुछ़ दूर जाकर उनमें से सब से बड़े ने कहा-"हम चारों विद्वानों में एक विद्या-शून्य है, वह केवल बुद्धिमान् है । धनोपार्जन के लि...

The Four Learned Fools Story

The Four Learned Fools Story

एक स्थान पर चार ब्राह्मण रहते थे । चारों विद्याभ्यास के लिये कान्यकुब्ज गये । निरन्तर १२ वर्ष तक विद्या पढ़ने के बाद वे सम्पूर्ण शास्त्रों के पारंगत विद्वान् हो गये, किन्तु व्यवहार-बुद्धि से चारों खाली थे । विद्याभ्यास के बाद चारों स्वदेश के लिये लौट पड़े । कुछ़ देर चलने के बाद रास्ता दो ओर फटता था । 'किस मार्ग से जाना चाहिये,' इसका कोई भी निश्चय न करने पर वे वहीं बैठ गये । इसी समय वहां से एक मृत व...

The Tale of Two Fishes & A Frog Story

The Tale of Two Fishes & A Frog Story

एकबुद्धि की कथा एक तालाब में दो मछ़लियाँ रहती थीं । एक थी शतबुद्धि (सौ बुद्धियों वाली), दूसरी थी सहस्त्रबुद्धि (हजार बुद्धियों वाली) । उसी तालाब में एक मेंढक भी रहता था । उसका नाम था एकबुद्धि । उसके पास एक ही बुद्धि थी । इसलिये उसे बुद्धि पर अभिमान नहीं था । शतबुद्धि और सहस्त्रबुद्धि को अपनी चतुराई पर बड़ा अभिमान था। एक दिन सन्ध्या समय तीनों तालाब के किनारे बात-चीत कर रहे थे। उसी समय उन्होंने देख...

The Musical Donkey

The Musical Donkey

मित्र की सलाह   एक धोबी का गधा था। वह दिन भर कपडों के गट्ठर इधर से उधर ढोने में लगा रहता। धोबी स्वयं कंजूस और निर्दयी था। अपने गधे के लिए चारे का प्रबंध नहीं करता था। बस रात को चरने के लिए खुला छोड देता। निकट में कोई चरागाह भी नहीं थी। शरीर से गधा बहुत दुर्बल हो गया था।  एक रात उस गधे की मुलाकात एक गीदड़ से हुई। गीदड़ ने उससे पूछा 'कहिए महाशय, आप इतने कमज़ोर क्यों हैं?' गधे ने दुखी स्वर में बत...

The Brahmin's Dream

The Brahmin's Dream

शेख़चिल्ली न बनो एक नगर में कोई कंजूस ब्राह्मण रहता था । उसने भिक्षा से प्राप्त सत्तुओं में से थोडे़ से खाकर शेष से एक घड़ा भर लिया था । उस घड़े को उसने रस्सी से बांधकर खूंटी पर लटका दिया और उसके नीचे पास ही खटिया डालकर उसपर लेटे-लेटे विचित्र सपने लेने लगा, और कल्पना के हवाई घोड़े दौड़ाने लगा । उसने सोचा कि जब देश में अकाल पड़ेगा तो इन सत्तुओं का मूल्य १०० रुपये हो जायगा । उन सौ रुपयों से मैं दो बकरिय...

The Weaver with Two Heads

The Weaver with Two Heads

मित्र की शिक्षा मानो एक बार मन्थरक नाम के जुलाहे के सब उपकरण, जो कपड़ा बुनने के काम आते थे, टूट गये । उपकरणों को फिर बनाने के लिये लकड़ी की जरुरत थी । लकड़ी काटने की कुल्हाड़ी लेकर वह समुद्रतट पर स्थित वन की ओर चल दिया । समुद्र के किनारे पहुँचकर उसने एक वृक्ष देखा और सोचा कि इसकी लकड़ी से उसके सब उपकरण बन जायेंगे । यह सोच कर वृक्ष के तने में वह कुल्हाडी़ मारने को ही था कि वृक्ष की शाखा पर बैठे हुए एक द...

The Unforgiving Monkey King

The Unforgiving Monkey King

एक नगर के राजा चन्द्र के पुत्रों को बन्दरों से खेलने का व्यसन था। बन्दरों का सरदार भी बड़ा चतुर था। वह सब बन्दरों को नीतिशास्त्र पढ़ाया करता था। सब बन्दर उसकी आज्ञा का पालन करते थे। राजपुत्र भी उन बन्दरों के सरदार वानरराज को बहुत मानते थे। उसी नगर के राजगृह में छोटे राजपुत्र के वाहन के लिये कई मेढ़े भी थे। उन में से एक मेढ़ा बहुत लोभी था। वह जब जी चाहे तब रसोई में घुस कर सब कुछ खा लेता था। रसोइये...

Fear Of Daemon

Fear Of Daemon

एक नगर में भद्रसेन नाम का राजा रहता था। उसकी कन्या रत्नवती बहुत रूपवती थी। उसे हर समय यही डर रहता था कि कोई राक्षस उसका अपहरण न कर ले। उसके महल के चारों ओर पहरा रहता था, फिर भी वह सदा डर से कांपती रहती थी। रात के समय उसका डर और भी बढ़ जाता था। एक रात एक राक्षस पहरेदारों की नज़र बचाकर रत्नवती के घर में घुस गया। घर के एक अंधेरे कोने में जब वह छिपा हुआ था, तो उसने सुना कि रत्नवती अपनी एक सहेली से कह...

The Bird with Two Heads Story

The Bird with Two Heads Story

एक तालाब में भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी रहता था। इसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था। एक दिन समुद्र के किनारे घूमते हुए उसे एक अमृतसमान मधुर फल मिला। यह फल समुद्र की लहरों ने किनारे पर फेंक दिया था। उसे खाते हुए एक मुख बोला — "ओः, कितना मीठा है यह फल! आज तक मैंने अनेक फल खाये, लेकिन इतना स्वादु कोई नहीं था। न जाने किस अमृत बेल का यह फल है।" दूसरा मुख उससे वंचित रह गया था। उसने भी जब उसकी महिमा...

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